देश को कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च 2020 को रात 8 बजे देश में लॉकडाउन का एलान किया था। बस, ट्रेन से लेकर मॉल और सिनेमाघरों तक, सब कुछ बंद कर दिया गया था। लॉकडाउन में लोगों को एहसास हुआ कि कम जरूरतों में बेहतर जिंदगी गुजार सकते हैं। इतना ही नहीं ये वक्त ऐसा था जब सालों बाद लोग अपने परिवार के साथ वक्त बिता रहे थे। जनता के मनोरंजन के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक ऐसा तरीका खोज निकाला कि इतिहास खुद को दोहराने लगा। लोग 80 और 90 के दशक की यादों में खो गए जब पूरे परिवार के साथ बैठकर लोग टीवी पर रामायण और महाभारत देखते थे। रामायण, महाभारत की कहानी और किरदार इतने खूबसूरत और असरदार थे कि लोग उन्हें अब भी पहचानते हैं, सम्मान देते हैं।
जब पूरा देश 21 दिनों के लॉकडाउन में घरों में कैद हो गया है तब सोशल मीडिया पर लोगों ने पौराणिक कार्यक्रमों को एक बार फिर से प्रसारित किए जाने की मांग उठाई। एक जमाने में बेहद लोकप्रिय रहे इन धार्मिक टीवी कार्यक्रमों को 28 मार्च 2020 से भारी मांग के बाद दोबारा प्रसारित किया गया। दूरदर्शन पर रामायण का पहला एपिसोड 28 मार्च सुबह 9.00 बजे और दूसरा एपिसोड रात 9.00 बजे प्रसारित हुआ।" वहीं 28 मार्च से डीडी भारती पर दोपहर 12 बजे और शाम सात बजे रोज महाभारत के दो एपिसोड दिखाए जाने लगे।
ट्विटर पर #Ramayan और #Mahabharat भी टॉप ट्रेंड्स में देखे गए। धारावाहिक देखने के बाद लोग 90 के दशक से जुड़ी यादे भी साझा करते थे। रामानंद सागर के निर्देशन में बनी रामायण और बीआर चोपड़ा के निर्देशन में बनी महाभारत एक जमाने में खूब लोकप्रिय हुई थी। रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल और माता सीता के किरदार में नजर आईं दीपिका चिखलिया की जिंदगी तो रातों रात बदल गई थी। लोगों उनमें श्रीराम और माता सीता की छवि देखने लगे थे।
रामायण के अहम किरदार
राम- अरुण गोविल
सीता- दीपिका चिखलिया
लक्ष्मण- सुनील लहरी
भरत- संजय जोग
शत्रुघ्न- समीर राजदा
हनुमान- दारा सिंह
दशरथ- बाल धूरी
रावण- अरविंद त्रिवेदी
मेघनाद- विजय अरोड़ा
कुंभकर्ण- नलिन दवे
चलिए जानते हैं रामायण से जुड़ी कुछ रोचक बातें क्या आप जानते हैं रामायण के कलाकारों के लिए रामानंद सागर शाकाहारी खाना बनवाते थे। जीहां रामानंद सागर शो की शूटिंग के दौरान रामायण की टीम 150 सदस्यों के लिए शाकाहारी भोजन बनवाते थे।
जिस दिन रावण बने अरविंद त्रिवेदी का वध हुआ उस दिन उनके गांव में शोक मनाया गया था। क्या आप जानते हैं अरविंद त्रिवेदी के बच्चों को लोग रावण के बच्चे और पत्नी को मंदोदरी के नाम से पुकारने लगे थे।
पांच महाद्वीपों में दिखाई जाने वाली रामायण को विश्व भर में 65 करोड़ से ज्यादा लोगों ने टीवी पर देखा। अब जरा सोचिए कितना पॉपुलर रहा होगा यह सीरियल। रामायण का पहला एपिसोड दूरदर्शन पर 24 जनवरी 1987 को प्रसारित किया गया था।
रामायण के दौरान जूनियर कलाकारों की भर्ती गाँव-गाँव जाकर ढोल नगाड़ो के साथ की जाती थी।
रामायण की शूटिंग लगातार 550 से ज़्यादा दिनों तक चली थी।
अब बात करते हैं महाभारत की 1988 से 1990 के बीच दिखाए जाने वाले महाभारत के प्रसारण के वक्त सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता था। महाभारत सीरियल के लेखक राही मासूम रजा हैं जबकि इसे बीआर चोपड़ा ने प्रोड्यूस किया है। इस सीरियल ने सभी कलाकारों को खूब प्रसिद्धि दिलाई और घर-घर में उनकी पहचान बनीं। इस शो में नीतीश भारद्वाज, मुकेश खन्ना, रूपा गांगुली, गजेंद्र चौहान और पुनीत इस्सर जैसे कलाकारों ने मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं। लॉकडाउन में इस धारावाहिक को दर्शकों का खूब प्यार मिला।
चलिए जानते हैं महाभारत से जुड़ी कुछ रोचक बातें'महाभारत' में नीतीश भारद्वाज से लेकर मुकेश खन्ना तक और गजेंद्र चौहान से रूपा गांगुली तक, यह दिग्गज कलाकारों की फौज थी। 'महाभारत' के कुल 94 एपिसोड शूट हुए। महेंद्र कपूर के महान सिंगर ने इसके लिए गीत गाया।
महाभारत का युद्ध 18 दिन तक चला था। ऐसे में इसके एक एपिसोड की शूटिंग 12-12 घंटे तक चलती थी।
9 करोड़ में शूट हुई थी महाभारत।
भारत के अलावा इंग्लैंड में भी इस शो का प्रसारण हुआ था। ब्रिटेन में इसका प्रसारण बीबीसी पर किया गया।
महाभारत में विभिन्न भूमिकाओं को निभाने के लिए 15,000 से अधिक लोगों ने रुचि दिखाई थी। स्क्रीनिंग के बाद उनमें से 1500 को शॉर्टलिस्ट किया गया और वीडियो स्क्रीन टेस्ट के लिए बुलाया गया।
24 जून 1990 को जब 'महाभारत' खत्म हुआ, तब शो में काम करने वाले और इसे देखने वाले दर्शकों तक की आंखों में आंसू थे।
महाभारत के अहम किरदार
'रामायण' ने टीआरपी के सारे रिकॉर्ड किए ध्वस्त
लॉकडाउन में प्रसारित हुए रामायण ने टीआरपी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। रामायण हिंदी सामान्य मनोरंजन क्षेत्र में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला धारावाहिक है। एक रिपोर्ट में कहा गया 'रामायण' के प्रत्येक एपिसोड को 42.6 मिलियन ट्यून-इन्स मिले थे।