सूर्य
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार 9 सभी ग्रहों में सूर्य का विशेष महत्व है। इंसान के जीवन में सुख-समृद्धि और मान-सम्मान सूर्य देव की कृपा से मिलती है। कुंडली में यदि सूर्य प्रबल हैं, तो जातक राजा, मंत्री, सेनापति, प्रशासक, मुखिया, धर्म संदेशक आदि बनाता है। यदि सूर्य कुंडली में कमजोर हैं तो वह शारीरिक तथा सफलता की दृष्टि से बड़ा ही खराब परिणाम देते हैं। सूर्य संबंधी दोषों को दूर करने और सूर्य का शुभ प्रभाव पाने के लिए प्रतिदिन उगते सूर्य का दर्शन एवं उन्हें 'ॐ घृणि सूर्याय नम:' कहते हुए जल अर्पित करना चाहिए। प्रतिदिन सूर्य को जल देने के पश्चात लाल आसन में बैठकर पूर्व दिशा में मुख करके निम्न मंत्र का 108 बार जप करें-
''एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणाध्र्य दिवाकर।।''