प्यारे दोस्त आप का सवाल है कठिन परिस्थिति में अपने परिवार को कैसे संभाले यहां पर मैं यह कहूंगा कि कई लोग कठिन परिस्थिति में क्या करते हैं इतना सोचते इतना सोचते इतना सोचते हैं कि अपने दिमाग को शौचालय बना देते लेकिन यहां पर सोचने की जरूरत नहीं होती तो यहां पर आपको क्या करना है धैर्य रखना है बेरिया और अपने मन को एकदम सात्विक बना देना है और साथ में विवेक और ज्ञान से चलना है सोचने से नहीं चलना ज्ञान से जमुना यह समझ लीजिएगा मैं जो कह रहा हूं हम तो किसान तो आपके परिवार के ऊपर आप तो सब आपको यह कहना है कि आप दोनों में प्यार करते हो ना और सब काम होगा सब को सब कुछ मिलेगा लेकिन कुछ टाइम में हमारे साथ चैलेंज ईसाई है और हम यह चैलेंज इसको तोड़ेंगे तू हमारे साथ चलो साथ में मुकाबला करते हैं और कुछ कर दिखाते हैं घर से निकला हूं जब मुझे परिवार का भी सपोर्ट मिला है तो हमें बहुत सॉन्ग तरीके से बाहर निकला हूं और पूरा परिवार भी बाहर निकला है लेकिन जब परिवार का 23 सब्जियों की अगर विस्तृत हो जाता है यानी कि अलग-अलग चाल चलने लगते हैं तो कुछ गड़बड़ भी हो जाती है तेरे यहां पर जो मेन कैप्टन होता है घर का जिसका अपनी जिम्मेदारी होती है वह ज्यादातर और आपका निकाले और शांति से ट्रेन से विवेक बुद्धि से या हमसे सोच सोच कर दिमाग को शौचालय नहीं बनाना है और रास्ता भी निकलेगा यह रास्ता निकलेगा यह चमत्कार ही होता है
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